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Jammu-Kashmir के दौरे पर क्यों जाने वाले हैं PM Modi और Home Minister Amit Shah, क्या कुछ बड़ा होने वाला है?

मोदी जब कश्मीर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को कटरा से हरी झंडी दिखाएंगे तो इसी के साथ 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल संपर्क परियोजना पूरी हो जाएगी। हम आपको बता दें कि जम्मू-कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू में कटरा से संचालित होगी।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के समूल खात्मे और विकास की पहुँच दूरदराज के क्षेत्रों तक सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदैव प्रयासरत रहते हैं। इसी क्रम में दोनों जल्द ही जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए सात और आठ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सकते हैं। वहीं प्रधानमंत्री 19 अप्रैल को कश्मीर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए आ रहे हैं।मोदी जब कश्मीर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को कटरा से हरी झंडी दिखाएंगे तो इसी के साथ 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल संपर्क परियोजना पूरी हो जाएगी। हम आपको बता दें कि जम्मू-कटरा-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू में कटरा से संचालित होगी क्योंकि जम्मू रेलवे स्टेशन में मरम्मत एवं नवीनीकरण का काम किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि रेल लिंक परियोजना पिछले महीने पूरी हो गई थी। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने जनवरी में कटरा और कश्मीर के बीच ट्रेन सेवा को मंजूरी दी थी। वंदे भारत एक्सप्रेस से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा तथा इस क्षेत्र के लिए आधुनिक एवं कुशल रेल सेवा उपलब्ध होगी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू में पत्रकारों से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी 19 अप्रैल को उधमपुर पहुंचेंगे। वह दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का दौरा करेंगे और उसका उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह कटरा से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे।’’ इसी के साथ कश्मीर तक सीधी रेल संपर्क सुविधा की लंबे समय से की जा रही मांग पूरी हो जाएगी। वर्तमान में घाटी में केवल संगलदान एवं बारामूला के बीच और कटरा से देश भर के गंतव्यों के लिए ट्रेन सेवाएं संचालित होती हैं।अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर को रेल मार्ग से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना 1997 में शुरू हुई थी लेकिन भूवैज्ञानिक, भौगोलिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इसे पूरा करने में देरी हुई। इस परियोजना में कुल 119 किलोमीटर की 38 सुरंग शामिल हैं जिनमें सबसे लंबी सुरंग टी-49 है जो 12.75 किलोमीटर लंबी है। यह देश की सबसे लंबी परिवहन सुरंग भी है। इस परियोजना में 927 पुल भी शामिल हैं जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है। इनमें प्रतिष्ठित चिनाब पुल भी शामिल है, जिसकी कुल लंबाई 1,315 मीटर है। इसकी मेहराब 467 मीटर है और यह नदी तल से 359 मीटर ऊपर है। एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा होने के कारण यह दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराब वाला रेलवे पुल (आर्क ब्रिज) होगा।जहां तक अमित शाह के कार्यक्रम की बात है तो आपको बता दें कि अस्थायी कार्यक्रम के अनुसार गृहमंत्री जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान सुरक्षा स्थिति और आतंकवाद रोधी अभियानों की समीक्षा करेंगे। उनके जम्मू क्षेत्र के अग्रिम इलाकों का दौरा करने और सीमा सुरक्षा के लिए तैनात सैनिकों से मिलने की भी संभावना है। हम आपको बता दें कि गृह मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान 21 मार्च को अमित शाह ने आंकड़े साझा किए थे जिनसे पता चलता है कि 2004 से 2014 के बीच जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की 7,217 घटनाएं हुईं, जो 2014 से 2024 के बीच उल्लेखनीय रूप से घटकर 2,242 रह गईं। आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान कुल मौतों की संख्या में 70 प्रतिशत की कमी आई, नागरिकों की मौतों की संख्या में 81 प्रतिशत की कमी आई तथा सुरक्षाकर्मियों की हताहतों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी आई। वर्ष 2010 से 2014 तक हर साल औसतन 2,654 संगठित पथराव की घटनाएं हुईं, लेकिन 2024 में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई। वर्ष 2010-14 के दौरान 132 संगठित हड़तालें हुईं, लेकिन 2024 में कोई भी नहीं हुयी। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं में 112 नागरिक मारे गए और 6,000 घायल हुए, लेकिन अब ऐसी घटनाएं पूरी तरह बंद हो गई हैं। वर्ष 2004 में 1,587 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर मात्र 85 रह गयी। अमित शाह ने कहा था कि वर्ष 2004 में 733 नागरिक मारे गए थे, जबकि 2024 में यह संख्या घटकर 26 हो गयी। सुरक्षा बल कर्मियों की मृत्यु की संख्या 2004 में 331 से घटकर 2024 में 31 हो गयी।

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