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मंत्रियों को बोलते समय संयम बरतना चाहिए, ‘राज धर्म’ का पालन करना चाहिए: फडणवीस

मुख्यमंत्री ने यह राय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरचंद्र पवार) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल द्वारा ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2025’ के अवसर पर लिए गए साक्षात्कार में रखी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके बयानों से समाज में द्वेष पैदा न हो। उन्होंने मंत्रियों को दिवंगत भाजपा नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ‘राज धर्म’ की सलाह की याद दिलाई।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी दो दिन पहले नागपुर में भड़की हिंसा और भाजपा मंत्री नितेश राणे के हाल के विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में आई है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया।
मुख्यमंत्री ने यह राय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरचंद्र पवार) के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल द्वारा ‘लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड 2025’ के अवसर पर लिए गए साक्षात्कार में रखी।
फडणवीस ने कहा, ‘‘एक मंत्री के तौर पर हमें एक निश्चित भूमिका निभानी होती है। (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहीं इसका उल्लेख किया था कि एक मंत्री के तौर पर हमें राज धर्म (शासक के कर्तव्य) का पालन करना होता है। इसलिए हमें अपनी व्यक्तिगत राय, पसंद और नापसंद को अलग रखना होता है। हमने संविधान की शपथ ली है और संविधान ने हमें किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय न करने की जिम्मेदारी सौंपी है।’’
विपक्ष ने मंगलवार को नितेश राणे के विवादास्पद बयान को लेकर राज्य विधानमंडल परिसर में उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। फडणवीस ने कहा, ‘‘मंत्रियों को बोलते समय संयम बरतना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी टिप्पणियों से (समाज में) कहीं भी दुश्मनी पैदा न हो। कभी-कभी युवा मंत्री कुछ टिप्पणियां कर देते हैं। मैं ऐसे मौकों पर उनसे बात करता हूं और उन्हें बताता हूं कि आप एक मंत्री हैं और आपको संयम रखने की जरूरत है।’’ पाटिल ने फडणवीस से कुछ मंत्रियों के ‘‘एक विशेष समुदाय के खिलाफ’’ टिप्पणियां किए जाने के बारे में सवाल किया था।

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