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होली साल में सिर्फ एक बार आती है, Anuj Chaudhary के समर्थन में खुलकर सामने आए Yogi Adityanath

आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने शायद एक पहलवान के तौर पर बात की होगी। चौधरी एक पूर्व पहलवान और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं। आदित्यनाथ ने शुक्रवार की नमाज दोपहर 2 बजे के बाद करने का फैसला करने के लिए धार्मिक नेताओं को धन्यवाद भी दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संभल जिले के पुलिस अधिकारी अनुज चौधरी का समर्थन किया। दरअसल, चौधरी ने हाल ही में मुसलमानों को होली पर जुमे (शुक्रवार) की नमाज़ घर पर ही अदा करने की सलाह दी थी। उत्तर प्रदेश के सीएम ने पुलिस अधिकारी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अर्जुन पुरस्कार विजेता ने जो कहा वह सही है।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने शायद एक पहलवान के तौर पर बात की होगी। चौधरी एक पूर्व पहलवान और अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं। आदित्यनाथ ने शुक्रवार की नमाज दोपहर 2 बजे के बाद करने का फैसला करने के लिए धार्मिक नेताओं को धन्यवाद भी दिया।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘हमें त्योहारों के दौरान एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। हर शुक्रवार को नमाज़ पढ़ी जाती है, लेकिन होली साल में सिर्फ़ एक बार आती है। नमाज़ में देरी की जा सकती है, और अगर कोई समय पर (दोपहर 1.30 बजे का सामान्य समय) जुमे की नमाज़ अदा करना चाहता है, तो वह अपने घर में रहकर ऐसा कर सकता है। नमाज़ के लिए मस्जिद जाना अनिवार्य नहीं है।’6 मार्च को संभल कोतवाली पुलिस स्टेशन में एक शांति समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव सुनिश्चित करना था क्योंकि इस साल 14 मार्च को होली रमजान के दौरान जुमे की नमाज के साथ ही पड़ रही थी।
बैठक के दौरान पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अनुज चौधरी ने कहा, ‘रंगों का त्योहार साल में केवल एक बार आता है, जबकि जुमे (नमाज के लिए) एक साल में 52 बार आता है, और इसलिए मैं अपने मुस्लिम भाइयों को सलाह देता हूं कि जो सोचते हैं कि जुमे की नमाज के लिए जाते समय उन पर रंग लगना अपवित्र कार्य होगा, उन्हें तब तक घर के अंदर रहना चाहिए जब तक कि सड़कों पर होली का जश्न खत्म न हो जाए।’इस अवसर पर आदित्यनाथ ने महाकुंभ भगदड़ में हुई मौतों को छिपाने के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता घायलों की मदद करना और यह सुनिश्चित करना था कि मौनी अमावस्या पर पवित्र स्नान करने वाले लोग संगम क्षेत्र से आसानी से निकल सकें। उन्होंने कहा कि जब प्रशासन ने घायलों को सुरक्षित कर लिया और यह सुनिश्चित कर लिया कि भीड़ कम हो गई है, तब उन्होंने मीडिया को इसकी जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ एकता का एक अच्छा उदाहरण है और उन लोगों के लिए एक सबक है, जिन्होंने इस आयोजन पर सवाल उठाए थे।

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