देश में कम हुई कोविड R वैल्यू, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई के लिए अभी भी खतरा!
नई दिल्ली: देश में कोविड-19 की आर वैल्यू घटकर 1 से नीचे आ गई है. अगस्त के आखिर में यह 1.17 थी जो कि 15 सितंबर तक 0.92 हो गई है. विशेषज्ञों की मानें तो इससे ये जाहिर होता है कि देश में कोरोना वायरस के फैलने की गति धीमी हुई है. हालांकि, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में यह अभी भी करीब 1 है. दिल्ली और पुणे में आर वैल्यू अभी भी 1 से कम है. इसलिए महाराष्ट्र और केरल की आर वैल्यू 1 से कम है. जो कि दोनों राज्यों के लिए राहत की बात हो सकती है जहां अभी भी एक्टिव मामलों की संख्या सबसे ज्यादा है. अगस्त के आखिर में यह वैल्यू 1.17 थी. जो कि 4-7 सितंबर के बीच घटकर 1.11 हो गई और इसके बाद से ही यह 1 से नीचे बनी हुई है. गणितीय विज्ञान संस्थान, चेन्नई के सीताभ्रा सिन्हा ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि भारत का रिप्रोडक्शन नंबर लगातार 1 से कम बना हुआ है. वो भी तब जब केरल और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में एक्टिव मामलों की संख्या सबसे ज्यादा है. सिन्हा उस टीम के प्रमुख हैं जो कि आर-वैल्यू की गणना करती है. डाटा के मुताबिक, मुंबई आर-वैल्यू 1.09 है, चेन्नई की 1.11 है, कोलकाता की 1.04 है और बेंगलुरु की 1.06 है.
क्या होती है आर वैल्यू
रिप्रोडक्शन नंबर या फिर आर वैल्यू ये दिखाती है कि औसतन कितने लोग संक्रमित हुए हैं. दूसरे शब्दों में ये बताया है कि वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है. देश में प्रलयकारी दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या से अस्पतालों और स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा चरमरा गया था. इसके बाद से ही आर वैल्यू में कमी देखी जा रही है.
इस तरह घटी आर वैल्यू
मार्च से मई के दौरान देश में संक्रमण के चलते हजारों लोगों की जान गई, जबकि लाखों लोग वायरस की चपेट में आए. कोरोना वायरस की दूसरी लहर जब अपने चरम पर थी तब 9 मार्च से 21 अप्रैल के दौरान पूरे देश की आर-वैल्यू 1.37 हो गई थी. इसके बाद 24 अप्रैल से 1 मई के बीच ये घटकर 1.18 हो गई, वहीं 29 अप्रैल-7 मई तक ये घटकर 1.10 हो गई.