लॉकडाउन में पिता व भाई फंसे परदेश, बेटी का मां ने किया अंतिम संस्कार
लॉकडाउन के चलते पिता व भाई नहीं आ सके तो मां ने ही बेटी के शव को शमशान ले जाकर खुद ही किया अंतिम संस्कार। इस दृश्य को देख पूरा गांव रो पड़ा। कोरोना संकट ने एक मां को जिंदगी भर का गम दे दिया। लॉकडाउन में जब इकलौती बेटी की बीमारी से मौत हुई तो उसे कंधा देने के लिए न तो पिता आ सके और न ही भाई। फिर मां ने सामाजिक परंपराओं को तोड़कर बेटी की अर्थी को कंधा देकर श्मशान घाट ले गई और अंतिम संस्कार किया। यह घटना बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के तियरा गांव की हैं।
मिली जानकारी के अनुसार तियरा गांव के झिल्लू सिंह कुशवाहा बीते कुछ वर्षों से राजस्थान के जोधपुर में नौकरी करते हैं। उनके दोनों बेटे नीरज व प्रद्युम्न भी बाहर रहते हैं। गांव में उनकी पत्नी जोखनी देवी अपनी 13 वर्षीया बेटी गीता कुमारी के साथ रहती थी। बेटी बीमार थी जिस कारण उसकी मौत हो गई
परिजनों ने बताया झिल्लू सिंह को 24 मार्च को घर आना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन हुआ तो वे नहीं आ सके। इधर कुछ महीनों से उनकी बेटी गीता बीमार चल रही थी। मंगलवार को उसकी तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गई। मां ने उसे अस्पताल ले गई, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं गांव के लोगों ने गीता की मौत को लेकर उसके अंतिम संस्कार पर चर्चाएं करने शुरू कर दी की अंतिम संस्कार कैसे किया जाए , मृत लड़की के पिता व दोनों भाई लॉकडाउन के कारण आने में असमर्थ हो गए। तब मां ने ही बेटी के शव को कंधा देकर कर्मनाशा नदी के श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया।