संघ प्रमुख मोहन भागवत के बदले सुर

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव के दिन करीब आ रहे हैं भाजपा नेताओं के साथ-साथ संघ के भी सुर बदलते नजर आ रहे हैं। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की व्याख्यान श्रृंखला में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि अगर ये कहें कि इस देश में मुसलमान नहीं रहेंगे, तो ये हिंदुत्व नहीं होगा। उन्‍होंने कहा हम कहते हैं कि हमारा हिंदू राष्‍ट्र है। हिंदू राष्‍ट्र है इसका मतलब इसमें मुसलमान नहीं चाहिए, ऐसा बिल्‍कुल नहीं होता। जिस दिन ये कहा जाएगा कि यहां मुस्लिम नहीं चाहिए, उस दिन वो हिंदुत्‍व नहीं रहेगा। उन्‍होंने कहा, हिंदुत्व संघ का विचार है, संघ ने नही खोजा, देश में चलता आया विचार है।

हिंदुत्व को हिन्दुज़्म नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इज़्म का मतलब ‘बंद’ है। राधामोहन जी का एक कोड है उसका एक हिस्सा ही बता सकता हूं। हिदुत्व ही तालमेल का आधार बन सकता है। कुछ लोग जानते हैं और कुछ लोग गर्व से कहते हैं। कुछ लोग किसी कारणवश इसे स्वीकार नहीं करते हैं। भारत में इतनी विविधता है कि कई बार एक दूसरों के विरोधी भी लगते हैं। भारत में परायापन नहीं है, ये हमने पैदा किया है।

सरसंघचालक मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग के एक सवाल पर कहा है कि मॉब लिंचिंग अनुचित है लेकिन गौ रक्षा भी जरूरी है। उन्होंने कहा है कि किसी भी प्रश्न पर हिंसा करना, अत्यंत अनुचित व्यवहार है। उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

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